Surya Foundation ने शुरू की पहल

surya foundation in hindi:  सूर्या फाउण्डेशन द्वारा4मार्च को  एक सेमिनार का आयोजन कॉन्स्टीट्यूशनल क्लब, संसद मार्ग, नई दिल्ली में किया गया। 

surya foundation in hindi
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surya foundation in hindi:  सूर्या फाउण्डेशन द्वारा4मार्च को  एक सेमिनार का आयोजन कॉन्स्टीट्यूशनल क्लब, संसद मार्ग, नई दिल्ली में किया गया। जिसमे एफ.आई.एम.टी. कालेज, एस.सी.ई.आर.टी. दिल्ली, इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनीवर्सिटी, एन.आई.ओ.एस. आदि शिक्षण संस्थाओं से आए शिक्षाविद् तथा सूर्या फाउण्डेशन के कार्यकर्त्ता उपस्थित रहे। 


surya foundation kya hai   सूर्य भारती पुस्तकों के विद्वान लेखक एन.सी.ई.आर.टी. के सेवानिवृत्त प्रोफेसर प्रो. एच.एल. शर्मा ने सेमिनार में उपस्थित अतिथियों एवं प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए बताया कि सूर्या फाउण्डेशन के चेयरमैन पद्मश्री जयप्रकाश अग्रवाल का सपना था कि बच्चों के बस्ते का बोझ और मानसिक तनाव कम किया जाए और शिक्षा कम खर्चीली बनाई जाए। उनकी इस प्रेरणा से सूर्या फाउण्डेशन ने पहली से पांचवीं तक ‘एक कक्षा-एक किताब’ परियोजना के तहत 

Surya Foundation registration    प्रो. एच.एल. शर्मा के मार्गदर्शन में शिक्षाविदों की टोली ने सूर्य भारती पुस्तकों की रचना की है। इन पुस्तकों में शिक्षण अधिगम की सभी बातों का ध्यान रखा गया है। खेल-खेल में पढ़ाई कैसे कराई जा सकती है? यह भी बताया गया है। भारत की महान परंपरा व संस्कृति का परिचय, कहानी, योग, पहेली और ढेर सारे चित्रों को पुस्तकों में स्थान दिया गया है। हर पाठ के साथ शिक्षण संकेत दिए गए हैं, ताकि शिक्षक आसान और रोचक तरीके से पढ़ा सके। पुस्तकों में सीखने के न्यूनतम स्तर का ध्यान रखते हुए पाठों की रचना की गई है।    


राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के निदेशानुसार इन पुस्तकों में सभी विषयों का समेकन (इंटीग्रेशन) किया गया है। ये पुस्तकें बच्चों, उनके माता-पिता, शिक्षकों, शिक्षण प्रबंध समितियों के सदस्यों के लिए भी उपयोगी हैं। ये पुस्तकें 18 राज्यों में 80 से अधिक विद्यालयों, 300 से अधिक संस्कार केन्द्रों/एकल विद्यालयों एवं 10 से अधिक अन्य समाज सेवी शिक्षा केन्द्रों में पढ़ाई जा रही हैं। 


हमने केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय, अनेक मुख्यमंत्रियों, सांसदों, विधायकों, एन.सी.ई.आर.टी. एवं एस.सी.आर.टी. को अवलोकन हेतु इन पुस्तकों को प्रेषित किया है। शिक्षा नीति-2020 को साकार रूप देने वाले डॉ. कस्तूरी रंगन की अध्यक्षता में बने आयोग के कई सदस्यों तथा वर्तमान केन्द्रीय शिक्षा मंत्री ने इन पुस्तकों की सराहना की है। विद्या भारती, सेवा भारती, समर्थ शिक्षा समिति, सनातन धर्म शिक्षा समिति, डी.ए.वी शिक्षा समिति आदि की ओर से सूर्य भारती पुस्तकों के विषय में प्रशंसा पत्र प्राप्त हुए हैं, जो इन पुस्तकों की गुणवत्ता और उपयोगिता साबित करते हैं।



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