नई दिल्ली,(नरेन्द्र) : यदि होसला बुलंद हो तो दुनिया की हर उचाइयों को छुने की ताकत आ जाती है फिर चाहेंं किस्मत साथ दे या न दे। इसी बात पर मिसाल पेश की है महाराष्ट्र के उल्हासनगर की रहने वाली एक 28 वर्षीय प्रांजल महिला ने जो नेत्रहीन होते हुए भी UPSC की परीक्षा पास कर देश की पहली नेत्रहीन महिला IAS ऑफिसर बन गई .
प्रांजल ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) से अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में पोस्ट ग्रेजुएशन कर M.Phil और Ph.D किया। इसके बाद उन्होंने 2016 सिविल सेवा परीक्षा में 773 वीं रैंक हासिल किया और दूसरे प्रयास में भी यूपीएससी की परीक्षा में 124 वीं रैंक हासिल कर अपना करियर बनाया.
जब प्रांजल 6 साल की थीं तब एक सहपाठी ने उनकी एक आंख में पेंसिल मार कर उन्हें घायल कर दिया था,जिसमें प्रांजल के एक आंख की रोशनी चली गई थी। डाॅक्टरों ने कहा था कि हो सकता है कि वे भविष्य में दूसरी आंख की दृष्टि भी खो दे। कुछ हुआ भी ऐसा ही, प्रांजल की दूसरी आंख की दृष्टि भी चली गई। मुसीबत की इस घड़ी में प्रांजल के परिवार वालों ने उनके साथ चट्टान की तरह खड़े रहे थें.
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